गर्मीं की छुट्टियों में दादी,
ढ़ेर सारी कहानियाँ सुनाती थीं।
छत पर, खुले आसमान के नीचे, तारे गिनाती थीं,
और चाँद पर सूत कातती बुढ़िया को दिखाकर,
उसके किस्से सुनाती थीं।
कल रात सपने में आईं दादी,
पूछा मैंने, दादी तू तो कहा करती थी,
कि चाँद पर एक बुढ़िया रहती है।
कुछ दिनों पहले,
चीनियों ने रॉकेट पर एक दूरबीन लगाया,
और उसको चाँद तक उड़ाया,
यह साबित कर दिया कि कोई बुढ़िया नहीं रहती चाँद पर,
सिर्फ गहरे खड्डे हैं वहाँ, और बिना पानी के समंदर।
दादी मुस्कराई और कहा मुझसे,
बेटा, चाँद की बुढ़िया तो वहीं की वहीं है।
जब हम आँखों पर चश्मे की जगह दूरबीन लगा लेते हैं,
तब पास की चीज़ें दूर नज़र आती हैं ।
और दूर की चीज़ें?
पता नहीं, कहाँ चली जातीं हैं।
ढ़ेर सारी कहानियाँ सुनाती थीं।
छत पर, खुले आसमान के नीचे, तारे गिनाती थीं,
और चाँद पर सूत कातती बुढ़िया को दिखाकर,
उसके किस्से सुनाती थीं।
कल रात सपने में आईं दादी,
पूछा मैंने, दादी तू तो कहा करती थी,
कि चाँद पर एक बुढ़िया रहती है।
कुछ दिनों पहले,
चीनियों ने रॉकेट पर एक दूरबीन लगाया,
और उसको चाँद तक उड़ाया,
यह साबित कर दिया कि कोई बुढ़िया नहीं रहती चाँद पर,
सिर्फ गहरे खड्डे हैं वहाँ, और बिना पानी के समंदर।
दादी मुस्कराई और कहा मुझसे,
बेटा, चाँद की बुढ़िया तो वहीं की वहीं है।
जब हम आँखों पर चश्मे की जगह दूरबीन लगा लेते हैं,
तब पास की चीज़ें दूर नज़र आती हैं ।
और दूर की चीज़ें?
पता नहीं, कहाँ चली जातीं हैं।
While gazing at the moon in our Astronomy Club,a few days back I told my friend that I wanted to see the old lady rather than the rough surface.
ReplyDeleteYou hv put it so well.
Rgds
Hey, how have you been? You have an award on my blog :) Take care
ReplyDeleteAmazing the visit was worth…
ReplyDeletebangalorewithlove.com