कहते हैं व़ोह कि मेरी कश्ती डूबने वाली है,
कश्तियो का क्या है, व़ोह तो डूबती ही रहती हैं !
कभी कश्ती से सूरज को डूबते देखो
नीले आसमान से जब भरे समंदर में सूरज डूबता है,
ऐसा लगता है , उसके पीछे मैं भी जाकर डूब जाऊं
और समंदर की गहराई में गोते लगाऊं
आखिर सूरज के पीछे कौन नहीं भागना चाहता?
मैंने पूछा कश्ती से - अगर मैं गोते लगाऊंगा ,
तो तुम्हारा क्या होगा?
भरे समंदर में अगर तुम भी डूब गयी तो!
कश्ती मुस्कराई, और कहा मुझसे
कश्तियो का क्या है, व़ोह तो डूबती ही रहती हैं !
तुम जाओ, और सूरज को गोते लगाना सिखाओ
(A few lines of babble dedicated to my own kashti, who has always let me dive,
wherever I chose to...)
कश्तियो का क्या है, व़ोह तो डूबती ही रहती हैं !
कभी कश्ती से सूरज को डूबते देखो
नीले आसमान से जब भरे समंदर में सूरज डूबता है,
ऐसा लगता है , उसके पीछे मैं भी जाकर डूब जाऊं
और समंदर की गहराई में गोते लगाऊं
आखिर सूरज के पीछे कौन नहीं भागना चाहता?
मैंने पूछा कश्ती से - अगर मैं गोते लगाऊंगा ,
तो तुम्हारा क्या होगा?
भरे समंदर में अगर तुम भी डूब गयी तो!
कश्ती मुस्कराई, और कहा मुझसे
कश्तियो का क्या है, व़ोह तो डूबती ही रहती हैं !
तुम जाओ, और सूरज को गोते लगाना सिखाओ
(A few lines of babble dedicated to my own kashti, who has always let me dive,
wherever I chose to...)
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